सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘हमारे बारह’ की रिलीज़ पर लगाई रोक, कहा- टीज़र आपत्तिजनक है
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म ‘हमारे बारह’ की प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। SC ने कहा कि फिल्म की सर्टिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में विचाराधीन होने तक रिलीज़ पर रोक रहेगी। SC ने कहा, “टीज़र आपत्तिजनक है।”
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हमारे बारह, अन्नू कपूर की फिल्म, लगातार विवादों में घिरी हुई है। फिल्म का टीजर रिलीज़ होने के बाद से ही वह चर्चा में है। फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। हमारे बारह ट्रेलर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाए गए हैं। फिल्म को एक धर्म के खिलाफ घृणा फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है और इसकी रिलीज को रोके जाने की मांग उठी है। अन्नू कपूर की फिल्म “हमारे बारह” को इस बीच जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ से कोई राहत नहीं मिली है। इस फिल्म की रिलीज कल हुई थी।
मामले की जांच तक रिलीज पर प्रतिबंध
बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मामले के निपटारे तक सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी। साथ ही हाई कोर्ट से मांग की है कि याचिका को जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि CBFC खुद बाम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में पक्षकार है, इसलिए वह अपनी ही कमेटी की फिल्म को कैसे दिखा सकती है? याचिकाकर्ता ने दावा किया कि CBFC ने इस फिल्म को देखने के लिए एक कमेटी बनाई थी। CBFC की कमेटी ने स्क्रीनिंग के बाद फिल्म के टीजर और कुछ भागों को हटाने की सिफारिश की। जो हटाया गया था, फिल्म को हाईकोर्ट ने रिलीज करने की अनुमति दी।
बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्णय पर चुनौती
बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्म इस्लामी आस्था के खिलाफ है और भारत में विवाहित मुस्लिम महिलाओं का अपमान करेगी। फिल्म के कुछ डायलॉग्स भी विवादित रहे हैं।
अन्नू कपूर ने वीडियो पोस्ट किया
फिल्म का टीजर जारी होने के बाद अन्नू कपूर ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने फिल्म को लेकर मचे विवाद पर प्रतिक्रिया दी। अपने वीडियो में अन्नू कपूर ने कहा कि ये फिल्म एक सामाजिक मुद्दे पर आधारित है। अभिनेता ने वीडियो में कहा, “ये फिल्म सिर्फ महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करती है।” पहले आप एक फिल्म देखें और फिर अपने विचार या निर्णय दें। हम सभी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन इस तरह किसी को गाली नहीं देनी चाहिए। गा या जान से मारने की धमकी नहीं देना चाहिए। हम इन बातों से भयभीत नहीं होंगे।’
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