सीएम भजनलाल शर्मा

CM Bhajanlal Sharma:: एक्शन मोड में सीएम भजनलाल शर्मा। भष्ट और निकम्मे अधिकारियों की खैर नहीं

सीएम भजनलाल शर्मा ने सभी भष्ट अधिकारियों को चेतावनी दे दी। अब उनकी खैर नही है। जबरन किया जाएगा सेवा से बेदखल। ऐसे अधिकारियों की लिस्ट बहुत लंबी है और ऐसे बहुत सारे अधिकारी अलग अलग विभागो में है।

अब राजस्थान सरकारी विभागों में भ्रष्ट और काम नहीं करने वाले कर्मचारी और अफसरों को जबरन हटाया जाएगा। भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की विभागवार सूची बनाने का काम शुरू हो चुका है। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने हाल ही में उच्च स्तर के अधिकारियों की बैठक में कहा कि जो अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पारदर्शिता और निष्पक्षता से नहीं कर रहे हैं, वे बर्खास्त कर दिए जाएंगे।

धर्म विभाग ने आदेश जारी किया है। Жаरी आदेश के अनुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, अगर अधिकारी-कर्मचारी निरंतर अरुचि, भ्रष्ट आचरण और प्रशासनिक कर्तव्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं। इसके लिए, संबंधित विभागों को आवश्यक नियमानुसार कार्रवाई करने और प्रस्तावों को संबंधित प्रशासनिक विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

सीएम भजनलाल शर्मा के आदेश से कर्मचारियों में हड़ंकप

सीएम भजनलाल शर्मा

राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने एक आदेश जारी किया है, जो राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को हैरान कर दिया है। इस आदेश में ऐसे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की छंटनी (छंटनी) और हटाने की बात कही गई है जिनका काम संतोषजनक नहीं है। मुख्य सचिव ने सरकार के सभी विभागाध्यक्षों को यह आदेश भेजा है। इस आदेश में राजस्थान सिविल सेवाएं अधिनियम 1996 के नियम 53(1) का उल्लेख है।

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निर्देश में कहा गया है कि ऐसे कर्मचारी और अधिकारी को स्क्रीनिक किया जाए जो 15 वर्ष या 50 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं और असंतोषजनक काम करने के कारण जनहितार्थ आवश्यक अपयोगिता खो चुके हैं।

ये अनिवार्य सेवानिवृत्ति के नियम हैं

गौरतलब है कि राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53(1) के तहत पहले से ही राज्य सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की है। इन नियमों के अनुसार, जो अधिकारी और कर्मचारी अपने सेवाकाल के 15 वर्ष पूरे कर चुके हैं और प्रशासनिक कर्तव्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं या असंतोषजनक कार्यनिष्पादन के कारण जनहितार्थ उपयोगिता खो चुके हैं, वे तीन महीने के नोटिस या तीन महीने के वेतन भुगतान के साथ राज्य सेवा से तुरंत हटाए जा सकते हैं।

वसुंधरा राजे के दौरान भी ऐसा ही हुआ था

उल्लेखनीय है कि जून 2017 में वसुंधरा राजे ने भी भ्रष्ट और नाकारा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने का आदेश दिया था। इस आदेश को तत्कालीन मुख्य सचिव ओपी मीना ने जारी किया था। बाद में यह आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, क्योंकि कर्मचारी संगठनों की नाराज़गी से डर लगता था।

कुछ कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति जबरन नहीं हुई थी। क्योंकि वे शारीरिक रूप से कमजोर थे, इसलिए काम नहीं कर सकते थे। विधानसभा चुनाव का समय नजदीक था जब वसुंधरा राजे ने आदेश दिया। कर्मचारियों को परेशान करने के डर से सरकार ने आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया।


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Subhash is a well-known writer. He belongs to Jodhpur. His articles keep appearing in newspapers and magazines every day. Along with this, he also works with many news websites. He has always been the voice of farmers and the poor. His articles are always worth reading for the common people.

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