2021 में उन्नाव (यूपी) के बीघापुर के तत्कालीन सर्कल ऑफिसर कृपा शंकर कनौजिया को डीएसपी से कॉन्स्टेबल बनाया गया था, जब वह एक महिला कॉन्स्टेबल के साथ कानपुर के होटल में पकड़ा गया था। कनौजिया ने पारिवारिक कारणों से छुट्टी मांगी थी, और जब वह घर नहीं पहुंची तो उनके फोन बंद हो गए।
सीओ कृपाशंकर कन्नौजिया, जो पहले कानपुर के एक होटल में महिला सिपाही के साथ गिरफ्तार किया गया था, जांच में दोषी पाए जाने पर पदावनत कर फिर सिपाही बनाया गया। वह सिपाही से प्रमोशन पाकर सीओ बन गए। परीक्षण के दौरान सीओ कन्नौजिया को 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर में स्थानांतरित कर दिया गया। पीएसी कमांडेंट ने उन्हें उनके आरक्षी पद पर तैनात करने की पुष्टि की है। कृपाशंकर मूलतः देवरिया से हैं। जुलाई 2021 में घटना हुई है।
उन्नाव जिले की बीघापुर सर्किल में डीएसपी के पद पर तैनात कृपाशंकर कन्नौजिया कानपुर में एक महिला सिपाही के साथ होटल में गिरफ्तार किया गया था। इस घटना से पुलिस की छवि खराब हो गई थी, इसलिए राज्य सरकार ने मामले को संज्ञान लिया। उनकी चार्ज वापस ले ली गई थी और वे पुलिस कार्यालय से जुड़े हुए थे। निलंबित करने की सिफारिश पुलिस महानिदेशक ने की थी। प्रकरण की जांच के बाद उन्हें शासन ने आरक्षी के मूल पद पर पदावनत किया गया है। 26वीं वाहिनी में नियुक्त किया गया है।
यह संभव है कि पदावनत पुलिस उपाधीक्षक (डिप् टी एसपी) को सिपाही बनाया गया है। तीन साल पहले बीघापुर सर्किल के सीओ कृपाशंकर कनौजिया ने एक महिला सिपाही से विवाह किया था। विभाग और उनकी पत्नी दोनों को धोखा दिया था, जिससे वह फंस गए।
वास्तव में, 6 जुलाई 2021 को उन्होंने अपने घर गोरखुपर में उपचार के लिए छुट्टी ली थी। भी पत्नी को बताया कि मैं घर आ रहा हूँ। लेकिन घर जाने की जगह वह मालरोड के होटल में एक महिला सिपाही को लेकर आ गए। उसने अपने नाम से कमरा लिखा और सैनिकों के साथ ठहर गए। उनके व्यक्तिगत और सीयूजी फोन बंद हो गए। पत्नी ने फोन उठाया, लेकिन फोन बंद मिलते रहे। भयभीत होकर उन्होंने तत्कालीन एसपी उन्नाव आनंद कुलकर्णी को फोन किया और अपनी चिंता व्यक्त की।
कहा कि मेरे पति ने अपराधियों पर बहुत कुछ किया है। अक्सर वह आत्महत्या की आशंका व्यक्त करते हैं। मुझे उनके फोन बंद होने से डर लग रहा है। SP ने सर्विलांस सेल को इस पर लगाया। वह माल रोड, कानपुर में एक होटल में पहुंचे। उन्नाव और कानपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम होटल पहुंची तो पता चला कि सीओ एक महिला के साथ कमरे में हैं, शाम पांच बजे से। रूम बुकिंग में ID देखा गया था। वह एक महिला पुलिसकर्मी के साथ भी सीसीटीवी कैमरे में दिखाई दिया। तस्दीक ने कमरा नंबर 201 खटखटाया, लेकिन वह नहीं खुला। होटल मैनेजर श्री शिवकुमार को स्वयं जाना पड़ा।
उन्होंने सीओ को बताया कि नीचे पुलिस टीम है। तब सीओ नीचे आया। उन्होंने बताया कि आपकी पत्नी बातचीत करना चाहती है। इस विघटन के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। इस मामले की जांच चल रही है।
पुलिस के अनुसार कृपाशंकर को गोंडा से तबादले में उन्नाव भेजा गया था। बीघापुर सर्किल में तैनात होने पर बिहार थाने में तैनात एक महिला दारोगा को परेशान किया। उसे अपमानजनक संदेश भेजा गया था। विरोध करने पर दरोगा की फाइल खोल दी। वह परेशान हो गया था और ट्रांसफर करवा दिया। उस समय एक महिला सैनिक उनसे संपर्क में आया और उनके साथ नजदीकी संबंध बनाए। अंततः, इन्हीं संबंधों ने उन्हें सीओ बनाया।