केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गई एक रिपोर्ट में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने कहा कि बढ़ता तापमान सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। रिपोर्ट के अनुसार, लगातार 40 से 45 डिग्री सेल्सियस का तापमान हृदय रोगियों की मौतों का 2,6% बढ़ा सकता है।
गर्मी से बचने का प्रयास
स्वास्थ्य के लिए भी बढ़ा तापमान खतरनाक है। 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचते ही आंत, किडनी, फेफड़े, लिवर, पैंक्रियाज, दिल और दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं। मरीज की जान का खतरा इससे बढ़ जाता है। शुगर वाले लोगों को अधिक खतरा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह रिपोर्ट राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) से प्राप्त की है। रिपोर्ट के अनुसार, लगातार 40 से 45 डिग्री सेल्सियस का तापमान हृदय रोगियों की मौतों का 2,6% बढ़ा सकता है। मानव शरीर का सामान्य तापमान 36.4 से 37.2 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन बाहरी तापमान अधिक होने पर स्वास्थ्य खराब होने लगता है। वयस्कों की तुलना में बच्चों पर इसका असर कम होता है।
राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (NPCCHH) ने भीषण गर्मी की लहर से लोगों को 27 तरह की क्षति बताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे अभी तक गर्मी की वजह से चक्कर आना, बेहोशी या आंखों में जलन जैसी समस्याओं के बारे में जानते हैं। इस रिपोर्ट का उद्देश्य राज्यों को जल्द ही सूचित करना है कि शरीर का कौन सा अंग किस तापमान से सबसे पहले प्रभावित हो सकता है।