इस साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है । जनता पर गर्मी की मार बहुत ज्यादा पड़ रही है। पारा 50 डिग्री के करीब पहुंच गया है दिन के समय में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है अगर ऐसे ही तापमान में वृद्धि होती रही तो जीवन दुभर हो जायेगा।
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गर्मी तोड़ रही है सारे रिकॉर्ड
छत पर रखी पानी की टेंकियो में पानी उबल रहा है। वापिस सुबह तक पानी ठंडा नहीं हो रहा है।इंसान तो फिर भी अपने घरों में रहकर गर्मी से बचाव कर सकता है लेकिन इस गर्मी में आवारा पशुओं के लिए समय अनुकूल नहीं है। उनके पास गर्मी से बचने का कोई उपाय नही है।
ओसियां, फलोदी में लगातार गर्मी के नए रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं। शुक्रवार को स्थानीय तापमान 49 डिसेंट था। मई 2010 में यहां 49.6 डिग्री का पारा हुआ था। शनिवार को यह रिकॉर्ड टूट सकता है। दिन भर शहर आसमान से बरसती आग से जलता रहा। शाम पांच बजे लोग घर से निकलने लगे, क्योंकि सड़कें सूनी थीं। अस्पतालों में ओपीडी की संख्या बढ़ने की बजाय कम होने लगी है। गर्म लू चलते हुए लोग बाहर नहीं निकलते। नगरपरिषद ने कई सड़कों पर पानी डाला। इससे कुछ राहत मिली।
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आवारा पशुओं की हालात खराब
शुक्रवार को शेरगढ़ में पारा 50 डिग्री से अधिक था। तीसरे दिन भी ऐसा हुआ है। सूर्योदय होते ही आग उगलना शुरू होता है। सूर्योदय होने तक भी लू से राहत नहीं मिली। दिन भर बाजार और बस स्टैंड सन्नाटे में रहे। आम लोगों के अलावा वन्य जीवों और पशु-पक्षियों का भी बुरा हाल है। ओसियां में भी बहुत गर्मी और लू थी। सुबह 11 बजे तापमान 40 से अधिक था। तहसील रोड़, पुराना बाजार, माताजी मंदिर और न्यू बस स्टैंड पर सड़कें अंधेरे पड़ गए। मथानिया में एक बुजुर्ग लू की तू ने उसे मार डाला।
क्या कारण है की इतनी गर्मी पड़ रही है।
हम लोगो ने जंगलों की अंधाधुन कटाई की है जिससे वन क्षेत्रों में कमी आई है जहां पर हरियाली नहीं होगी वहा पर तापमान ज्यादा होगा । अभी भी समय है हम लोग समय रहते सजग हो जाए तो हमारी आने वाली पीढ़ियां इस भीषण गर्मी के प्रकोप से बचे सकती है।