🚆 राजस्थान में रेलवे नेटवर्क का विस्तार
राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रेल संपर्क बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सोमवार को मारवाड़ बागड़ा (जालौर)–सिरोही–स्वरूपगंज (96 किमी) नई रेलवे लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी दी गई है।
यह परियोजना राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक विकास के लिए बेहद अहम मानी जा रही है।
🔹 परियोजना के प्रमुख लाभ
- आर्थिक विकास और रोजगार –
सिरोही को रेल नेटवर्क से जोड़ने से क्षेत्र में औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ेंगी। नए रोजगार अवसर पैदा होंगे और लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। - बड़े शहरों से कनेक्टिविटी –
इस लाइन से राजस्थान के प्रमुख शहरों के साथ-साथ अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों तक सीधा रेल संपर्क मिलेगा। - व्यापार और परिवहन को बढ़ावा –
यह परियोजना संगमरमर, ग्रेनाइट, सीमेंट, खाद्यान्न और उर्वरक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए बड़ी मददगार साबित होगी। - रणनीतिक महत्व –
सीमावर्ती क्षेत्रों से आने वाले माल और यात्रियों के लिए यह लाइन रणनीतिक कड़ी बनेगी। मुनाबाव जैसे स्थानों और पश्चिमी DFC मार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। - जनसंख्या को सीधा लाभ –
सिरोही जिले को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने से लगभग 10 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। खासकर शिवगंज, पिंडवाड़ा, रेवदर, मंडार, कालंद्री और जावाल जैसे कस्बों और गांवों को बड़ा फायदा होगा।
📌 निष्कर्ष
नई रेलवे लाइन का यह प्रोजेक्ट राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में व्यापार, रोजगार और सामाजिक समावेश के नए अवसर लेकर आएगा। साथ ही, यह कनेक्टिविटी सिरोही समेत पूरे क्षेत्र के लिए विकास का नया अध्याय साबित होगी।