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भक्तों के माथे पर अब नहीं लगेगा चंदन, नहीं मिलेगा चरणामृतः राम मंदिर ट्रस्ट

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (अयोध्या) ने तत्काल प्रभाव से चरणामृत देने और गर्भगृह के पुजारियों द्वारा भक्तों के माथे पर चंदन का तिलक लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, पुजारियों को गर्भगृह में चंदन लगाने से भक्त खुशी से उन्हें दान-दक्षिणा देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

राम मंदिर की व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। शनिवार को राम मंदिर ट्रस्ट ने भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए बड़ा निर्णय लिया। राम मंदिर परिसर में अब श्रद्धालुओं को चंदन और चरणामृत नहीं मिलेगा। श्रीराम को देखने वाले भक्तों में से कोई भी बहुत अलग या बहुत अलग नहीं होगा।

राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि हर राम मंदिर के भक्त को एक समान माना जाएगा। वीआईपी या वीवीआईपी व्यवस्था किसी को नहीं मिलेगी। लाइन में खड़े होकर सभी लोग रामलला को देखेंगे। ट्रस्ट के इस निर्णय के बाद वीआईपी लोगों को राम मंदिर में दर्शन करने की अनुमति समाप्त हो गई।

भक्तों को राम मंदिर कैंपस में चंदन और तिलक नहीं लगाया जाएगा। साथ ही चरणामृत भी उन्हें नहीं मिलेगा। श्रद्धालु मंदिर में पुजारियों को अब पैसे नहीं दे सकेंगे। अब वे पैसे दानपत्र में डालेंगे। यानी अब पुजारियों को पैसे देने के बजाय सीधे दानपत्र में जाएंगे, जिससे मंदिर की व्यवस्था पर धन खर्च किया जा सके।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से भक्तों की संख्या लगातार बढ़ी है। ऐसे में, भक्तों से मंदिर कैंपस के अंदर चंदन लगाने और चरणामृत देने के लिए धन लिया जाता था। राम मंदिर ट्रस्ट ने अब इस प्रणाली पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अब कोई चंदन या चरणामृत नहीं देगा।

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