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लोको पायलट ने रेल को बनाया हवाई जहाज रेलवे ने लिया एक्शन किया निलंबित

रेलवे

रेलवे से लोगों की शिकायतें हमेशा रहती हैं। और वह है कि ट्रेनें अक्सर लेट जाती हैं। ट्रेन अक्सर घंटों की देरी से आती है, लेकिन एक बार ट्रेन के लोको पायलट को अधिक स्पीड से चलाना महंगा पड़ गया। इस मामले में रेलवे ने मालवा एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस के पायलटों और उनके सहायकों को सस्पेंड कर दिया है। उस लाइन पर ट्रेनें 20 km/h की स्पीड पर चलती थीं, लेकिन रेलवे ने 120 km/h की स्पीड से चलाया।

आगरा कैंट के पास जाजौ और मनियां रेलवे स्टेशन के बीच के भाग में यह घटना हुई। पुल की मरम्मत वहाँ चल रही थी। इसलिए रेलवे ने उस क्षेत्र में 20 किमी/घंटे की स्पीड सीमा रखी।

रेलवे ने कार्रवाई की बताई वजह

“सभी संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है,” आगरा मंडल जनसपंर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने पुष्टि की। रेलवे के एक सूत्र ने कहा, “पहली घटना में, गतिमान एक्सप्रेस के लोको पायलट और को-लोको पायलट ने ट्रेन के आगरा कैंट से ग्वालियर के लिए रवाना होने के बाद, तय गति पाबंदी का उल्लंघन किया।

गतिमान एक्सप्रेस भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है, जो 160 km/h की गति से दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन और उत्तर प्रदेश के वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी जंक्शन के बीच चलती है।’

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“गतिमान ट्रेन की घटना के कुछ ही दिन बाद, कटड़ा (जम्मू) और इंदौर (मध्य प्रदेश) के बीच चलने वाली एक दूसरी ट्रेन मालवा एक्सप्रेस के ड्राइवरों ने भी उसी स्थान पर इसी तरह का उल्लंघन किया और ट्रेन को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाया,” उन्होंने कहा।’

‘यात्रियों की जान खतरे में’

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उस क्षेत्र में सभी सुपरफास्ट और सेमी-हाई स्पीड ट्रेन को 120 km/h की गति से चलने की अनुमति है। हालाँकि, एक नदी पुल की मरम्मत हाल ही में शुरू हुई है, इसलिए 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की सीमा निर्धारित की गई है।

रेलवे परिचालन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “ऐसा लगता है कि वे बताये गए सेक्शन पर ट्रेन की स्पीड धीमी करना भूल गए होंगे।” लोको पायलट के लिए यह अप्रत्याशित और गंभीर चूक है क्योंकि इससे सैकड़ों यात्रियों की जान बच सकती थी। ऐसी गलती को रेलवे बहुत गंभीरता से लेता है।’

याद रखें कि रेलवे विभिन्न कारणों से ट्रेन के सुरक्षित संचालन के लिए गति को सीमित करता है,

जैसे पटरी की दुर्दशा, पटरी की मरम्मत, पुराने रेलवे पुल, स्टेशन यार्ड की मरम्मत आदि। अधिकारियों ने बताया कि लोको को इंजन पर चढ़ने से पहले संबंधित परिचालन विभाग से सलाह और चेतावनी गति सीमा के साथ-साथ पूरा रूट चार्ट मिलता है और उसी के अनुसार गति बनाए रखनी चाहिए।

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