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INDIAN ARMY CANTEEN PRICE: कितना फर्क होता है आर्मी कैंटीन और बाजार के रेट में। क्यों मिलता है इतना सस्ता सामान इंडियन आर्मी को

हमारे देश के युवा हर समय देश की रक्षा करते हैं। हम चाहते हुए भी उनकी यह कृपा कभी नहीं भुगतान कर पाएंगे। लेकिन हमारे देश की सरकार देशभक्त जवानों और उनके परिवार को कई सुविधाएं देती है। आपने आर्मी कैंटीन की सुविधा के बारे में जरूर सुना होगा। आपने यह बात जरूर सुनी होगी कि यहां कोई भी उत्पाद बहुत कम दाम पर उपलब्ध होता है। यहां से आप चाहें तो कार या बाइक भी खरीद सकते हैं,जिसमें अच्छी तरह से डिस्काउंट मिलता है। लेकिन सवाल यह है कि आर्मी कैंटीन में उपलब्ध सामान कितना महंगा है और आम आदमी भी यहाँ से कुछ खरीद सकता है? आज हम इसके बारे में अधिक जानकारी देंगे।

आर्मी कैंटीन लेह से निकोबार और अंडमान तक है

दरअसल, आप आर्मी कैंटीन कहते हैं, असल में कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट है। भारतीय सेना के जवानों और उनके परिवार वालों के लिए यहां बहुत सस्ता सामान उपलब्ध है। आप सैन्य कैंटीन में ग्रोसरी उत्पाद, खाद्य सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कार और यहां तक कि शराब खरीद सकते हैं। यहां पर कई विदेशी उत्पाद भी उपलब्ध हैं। आर्मी कैंटीन के देश भर में 33 डिपो हैं, लेह से लेकर अंडमान और निकोबार तक, और 3700 के आसपास यूनिट रन कैंटीन हैं।

इसलिए ये सस्ता सामान यहाँ उपलब्ध हैं

अब बात करें कि आखिर आर्मी कैंटीन यानी कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट में सामान इतना सस्ता कैसे होता है? इसका सीधा अर्थ है कि सैन्य उपकरणों पर 50 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है। मान लीजिए कि आपको 18 प्रतिशत टैक्स देना होगा, तो आर्मी कैंटीन में वह सामान 9 प्रतिशत टैक्स के साथ ही मिलेगा। यहां उत्पादों पर लगने वाले केवल पचास प्रतिशत टैक्स की वजह से वे सस्ता हैं।

एक सीमा है कि आप कुछ खरीद सकते हैं

याद रखें कि आर्मी कैंटीन में पहले किसी को कार्ड के जरिए कितना भी सामान खरीदना था। ऐसे में सैन्य बैग्राउंड में रहने वाले लोगों के मित्र और रिश्तेदार ही इतना सामान खरीद पाते थे कि सेना के जवानों और उनके परिवार वालों को यहां पर उपलब्ध होने वाले महंगे सामान खरीदने में कठिनाई हुई। इसलिए कैंटीन में मिलने वाले सामान पर सीमा लगाई गई। इसके बाद, एक व्यक्ति हर महीने एक सीमा तक सामान खरीद सकता है।

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