4 जून को देश भर में लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। 4 जून से देश भर में आचार संहिता भी हट जाएगी। अगले महीने भजनलाल शर्मा की सरकार राजस्थान में नई तबादला नीति लागू करेगी।
माना जाता है कि यह नीति लागू होने पर ‘मंत्री-विधायकों की मर्जी’ से स्थानांतरण नहीं होगा। गुरुवार को मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में तबादला नीति का मसौदा अंतिम रूप दिया गया। इसमें इस नीति में शामिल किए जाने वाले प्रावधानों पर चर्चा की गई है।
स्वीकृति के लिए कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा
राजस्थान में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद 4 जून से नई तबादला नीति लागू की जाएगी। सचिवालय में हुई इस बैठक में प्रशासनिक सुधार, कार्मिक, शिक्षा और मेडिकल समिति के अधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसका मसौदा बनाया है। इस मसौदे को अंतिम रूप देकर कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में इसकी अनुमोदन के बाद यह लागू होगा। 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसके बाद आचार संहिता लागू होगी। आचार संहिता हटने के बाद होने वाली कैबिनेट की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जा सकता है। नई नीति का मसौदा ‘मंत्री-विधायकों की मर्जी’ के तबादलों को बदलने पर जोर देता है।
गौरतलब है कि प्रदेश में तबादला नीति बनाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। तबादला नीति के दिशा निर्देश पहले ही प्रशासनिक सुधार विभाग ने बनाकर सभी विभागों को भेजे थे। एक महीने के भीतर दिशानिर्देशों के साथ रिपोर्ट बनाकर विभागीय आवश्यकताओं के अनुसार भेजने को कहा गया था।
नई तबादला नीति लागू होने के बाद जनप्रतिनिधियों के डिजाइन प्रणाली पर भी प्रतिबंध लगेगा। वर्तमान तबादला नीति का जो मसूदा बनाया जा रहा है उसमें सभी भाग ए और बी श्रेणी में विभाजित हैं। जिन विभागों में दो हजार से अधिक लोग काम करते हैं इस श्रेणी में उन विभागों को शामिल किया गया है। जिन विभागों में दो हजार से कम कर्मचारी हैं उन्हें बी श्रेणी दी गई है। 3 वर्ष से पहले ए श्रेणी के विभागों को नहीं बदला जाएगा। यह पॉलिसी लागू होने के बाद राज्य में 3 साल से पहले तबादला नहीं होगा, यह प्रस्तावित नहीं है।