भारतीयों और भारतीय कंपनियों की स्विस बैंकों में जमा राशि में 2023 में साठ प्रतिशत की गिरावट आई, जो चार वर्षों के निचले ₹9,771 करोड़ पर आ गई। इन आंकड़ों में भारतीयों, एनआरआई या अन्य लोगों ने विदेशी संस्थाओं के नाम पर स्विस बैंकों में जमा की हुई धनराशि शामिल नहीं है।
भारतीय नागरिकों और फर्मों का डिपॉजिट विदेशी बैंकों में भारी गिरावट आई है। साल 2023 में इन फंडों में 70 प्रतिशत की गिरावट होगी, जो लगभग 1.04 अरब स्विस फ्रैंक या 9,771 करोड़ रुपये होगा, स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक के अनुसार। पिछले चार वर्षों में यह आंकड़ा सबसे कम है। भारतीय ग्राहकों के स्विस बैंकों में मौजूद धन में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट आई है। इसका सीधा अर्थ है कि भारतीय लोग अब वहाँ पैसे नहीं जमा कर रहे हैं। लोग जो कुछ जमा कर चुके हैं, उसे भी निकाल रहे हैं और दूसरे स्थानों पर निवेश कर रहे हैं। 2006 में वहां सबसे अधिक पैसा जमा हुआ, 6.5 अरब स्विस फ्रैंक।
स्विस बैंकों से भारतीयों का मोहभंग?
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय स् विस बैंकों से मोहभंग हो गया है। अब वे अपना धन बॉन्ड, सिक्युरिटीज और अन्य क्षेत्रों में लगा रहे हैं। हालाँकि, इन आंकड़ों में भारतीयों या एनआरआई ने विदेशी बैंकों में निवेश नहीं किया है। Swiss National Bank ने बताया कि अब भारतीयों के पास 103.98 करोड़ Swiss Francs हैं। इनमें ३१ करोड़ स्विस फ्रैंक की नकदी बैंक खातों में है। 2022 के अंत तक यह 39.4 मिलियन स्विस फ्रैंक था।
42.7 करोड़ स्विस फ्रैंक स् विस भारतीयों ने अन्य बैंकों में जमा कर रखे हैं। एक साल पहले इसका मूल्य 111 करोड़ स्विस फ्रैंक था। यहां के बैंकों में ट्रस्ट द्वारा जो धन जमा किया गया है, वह सिर्फ एक करोड़ स्विस फ्रैंक है। साल भर पहले यह २.४ मिलियन स्विस फ्रैंक था। भारतीयों ने बांड, सिक् योरिटीज और अन्य माध्यमों से 30.2 करोड़ स्विस फ्रैंक खर्च कर रखे हैं। बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, 2017, 2020 और 2021 को छोड़कर, भारतीयों ने स् विस बैंकों में जमा राशि में लगातार कमी देखी है।