लड़कियों में पीरियड्स होना आम बात है । यह एक प्रकार से नेचुरल चीज है लेकिन कभी कभार ऐसा होता है लडकी की उम्र 14 से 15 साल हो जाती है लेकिन लडकियो को एक बार भी पीरियड्स नहीं आए होते है। इसके लिए लडकी के परिजनों को जल्द से जल्द लडकी को डॉक्टर को दिखाना चाहिए । क्योंकि यह एक प्रकार से abnormal गतिविधि है।
पीरियड्स में क्या करना क्या नही करना चाहिए
पीरियड्स के दौरान सिर धोना नहीं चाहिए। ठंडा पानी पीना नहीं चाहिए। अचार नहीं छूना चाहिए। भगवान के मंदिर में कदम नहीं रखना चाहिए। भारतीय परिवारों में पीरियड्स के दौरान ये मिथक आम हैं। पीरियड्स एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, नहीं कोई हौवा। पीरियड्स में हाईजीन से बचें। हर चार से पांच घंटे में पैड्स बदलें और न केवल अपनी नियमित दिनचर्या का पालन करें बल्कि सभी गतिविधियों में उसी तरह भाग लें जैसा कि आप रोज करते हैं।
डॉक्टर की क्या होती सलाह
वरिष्ठ स्त्री-प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने बेटियों और उनकी मम्मियों को पीरियड्स के बारे में सभी जानकारी दी, कुछ इसी तरह। व्हिस्पर और अमर उजाला के सपनों की उड़ान कार्यक्रम का मौका था। दीप प्रज्ज्वलित करके सेंट एंड्रूज पब्लिक स्कूल बल्केश्वर में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। डॉ. शर्मा ने विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए कहा कि पीरियड्स को अन्य शारीरिक क्रियाओं की तरह सामान्य ढंग से लें।
ज्यादा दर्द हो तो क्या करे
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यदि किसी बच्ची को 14 साल की उम्र तक पीरियड्स नहीं आते, तो माँ को एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। पीरियड्स में हल्का-फुल्का दर्द होना सामान्य है, लेकिन दर्द असहनीय हो तो भी डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डॉ. शर्मा ने पीरियड्स कब होते हैं और क्यों होते हैं? तब महिलाएं और बच्चियां ने खुलकर सवाल पूछे। पहला सवाल था कि क्या पीरियड्स के दौरान वजन उठाया जा सकता है या नहीं। जवाब था हां। कल्पना चावला और पीवी सिंधु की विचारधारा भी ऐसी होती तो आज वह इन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचती थी।