जोधपुर (राजस्थान) में एक ईदगाह के गेट को लेकर हुए विवाद में शुक्रवार रात दो समुदायों ने एक-दूसरे पर पथराव किया और एक दुकान-ट्रैक्टर को आग लगा दी। रिपोर्टों के अनुसार, एक एसएचओ, कुछ पुलिसकर्मी और कई स्थानीय लोग पथराव में घायल हो गए। मामले में पुलिस ने 43 लोगों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जोधपुर, राजस्थान में एक विवादित जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर दो समुदायों में संघर्ष हुआ। बाद में दोनों पक्षों में घंटों तक पत्थरबाजी हुई, जिसमें एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के घरों पर पथराव किया। साथ ही दुकान को जला डाला। पुलिस ने परिस्थितियों को नियंत्रित करने की कोशिश की तो हिंसक लोगों ने पुलिस पर पेट्रोल बम से हमला किया। इसके बाद मौके पर पुलिस बल बुलाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। घटना के बाद सुरसागर क्षेत्र में तनाव बढ़ने पर पुलिस ने पैदल मार्च निकाला। विशेष समुदाय के लोगों ने उमर फारुकी मस्जिद के पास हंगामा करने की कोशिश की। इसके बाद वे मौके से बाहर चले गए।
बताया जा रहा है कि किस जमीन पर अवैध निर्माण चल रहा था। हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष ने 15 साल पहले उस जमीन पर निर्माण नहीं करने का समझौता किया था, लेकिन पिछले दिनों मुस्लिम पक्ष ने इसे तोड़ दिया और निर्माण शुरू कर दिया। हिंदुओं ने इसका विरोध किया। तब दूसरे समुदाय के लोगों ने ईंटों से हमला किया।
15 वर्ष बाद जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में फिर जमीन के लिए संघर्ष हुआ। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दो समुदायों के लोग घंटों तक एक दूसरे पर पत्थर फेंकते रहे। जो कुछ हाथ में था, उसे दूसरी ओर फेंकता रहा। किसी ने पत्थर फेंके, दूसरे ने ईंट मारी। बोतल को किसी ने अपना हथियार बनाया। देखते ही देखते सूरसागर क्षेत्र की सड़कें पत्थर और ईंटों से ढकी हो गईं।
जब पुलिस की एक टीम घटना को नियंत्रित करने पहुंची, तो उपद्रवियों ने उस पर भी हमला कर दिया। विरोधियों ने एक दुकान को जला दिया। दुकान में रखा सब कुछ जल गया। उपद्रवियों ने एक व्यक्ति के घर को भी जलाया। वह पुलिस की मदद की मांग करता रहा, लेकिन उपद्रवियों के सामने पुलिस को बेबस नजर आया।
जोधपुर के सूरसागर थाना क्षेत्र में, हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष को ईदगाह के पास गेट बनाने से रोका, जिससे विवाद हुआ। बाद में बात इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों में घंटों तक पत्थरबाजी हुई। हिंदू पक्ष का कहना है कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर गैरकानूनी अधिग्रहण करना चाहता है। वह इसका विरोध कर रहे हैं।
जिस जमीन के टुकड़े पर हंगामा हुआ है, हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने 15 साल पहले उस जमीन पर समझौता किया था। बाद में तय हुआ कि विवादित जमीन पर कोई निर्माण नहीं किया जाएगा. हालांकि, कुछ दिन पहले मुस्लिम पक्ष ने सहमति तोड़ दी और विवादित जमीन को ईदगाह के पास खोल दिया। हिंदू पक्ष का कहना है कि दर्जनों गैरकानूनी दुकानों के जरिए जमीन पर कब्जा किया जा रहा है।