दुनिया भर में, एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन, जिसका नाम भारत में कोविशील्ड है, के दुष्प्रभावों से टीकों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। कम्पनी का कहना है कि वैक्सीन से होने वाले दुष्प्रभाव बहुत कम हैं और दस लाख में से आठ से दस लोगों को खतरा हो सकता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) द्वारा प्रकाशित एक नवीनतम अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि सिर्फ कोविशील्ड नहीं, बल्कि अन्य टीकों के कारण भी लोगों में कई दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोवाक्सिन लेने वाले लगभग 30% लोगों को भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं
भारत में कोविशील्ड नामक एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभावों ने टीकों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। वैक्सीन से होने वाले दुष्प्रभाव बहुत कम हैं और दस लाख में से आठ से दस लोगों को खतरा हो सकता है, कम्पनी का कहना है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) द्वारा प्रकाशित एक नवीनतम अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविशील्ड और अन्य टीकों के कारण लोगों में कई बुरे प्रभाव देखे गए हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोवाक्सिन लेने वाले लगभग ३० प्रतिशत लोगों को भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हैं।
कोवाक्सिन लेने के साइड-इफेक्ट्स
926 लोगों पर किए गए अध्ययन में लगभग 50% लोगों ने भी शोध के दौरान संक्रमण की शिकायत की। कई लोगों में ऊपरी श्वसन पथ संक्रमण पाया गया है। इतना ही नहीं, कोवाक्सिन लेने वाले लगभग 1% लोगों में गंभीर साइड-इफेक्ट्स भी देखे गए, जो स्ट्रोक और गुइलेन-बैरी सिंड्रोम की शिकायतों को जन्म देते थे।
अध्ययन से क्या सामने आया?
जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक चलने वाले इस अध्ययन में 635 किशोरों और 291 वयस्कों ने भाग लिया था। शोधकर्ताओं ने बताया कि कोवाक्सिन लेने वालों में तीन गंभीर लक्षण देखे गए हैं। दस प्रतिशत लोगों में त्वचा की समस्याएं, दस प्रतिशत में सामान्य विकार और चार प्रतिशत में तंत्रिका की समस्याएं थीं।
इतना ही नहीं, 4.6 प्रतिशत महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी असामान्यताएं थीं। 2.7 प्रतिशत प्रतिभागियों में नेत्र संबंधी असामान्यताएं और 0.6 प्रतिशत में हाइपोथायरायडिज्म रिपोर्ट किए गए हैं।
टीकाकरण करा चुके चार व्यक्तियों की मृत्यु
अध्ययन के अनुसार, कोवाक्सिन ले चुके चार वयस्कों (तीन महिलाएं और एक पुरुष) भी मर गए। चारों में डायबिटीज था और तीन में हाई ब्लड प्रेशर था।
चार में से दो लोग स्ट्रोक से मर गए, जबकि एक व्यक्ति पोस्ट-कोविड-19 राइनोसेरेब्रल म्यूकोर्मिकोसिस से मर गया। म्यूकोर्मिकोसिस एक गंभीर फंगल संक्रमण है, जो टीकाकरण के बाद फैल गया है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
शोधकर्ताओं ने कहा कि कोवाक्सिन के कारण होने वाली गंभीर समस्याओं को समझने के लिए विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है।
अध्ययन में बताया गया है कि कोमोरबिडीटी से पीड़ित वयस्कों में वैक्सीनेशन के बाद होने वाले दुष्प्रभावों की संभावना दो गुना से अधिक होती है। इसके अलावा, कोवाक्सिन की दो खुराक लेने वाले वयस्कों की तुलना में तीन खुराक लेने वाले लोगों में चार गुना अधिक खतरा देखा गया है।